असहयोग आंदोलन और सविनय अवज्ञा आंदोलन को दिशा देने में महात्मा गाँधी के योगदान की आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए

उत्तर: असहयोग और सविनय अवज्ञा आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दो महत्वपूर्ण चरण थे।दोनों आंदोलन को दिशा देने में गांधी जी ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की ।

  • असहयोग आंदोलन पर निर्णय लेने के लिए गाँधी जी के नेतृत्व में कांग्रेस का एक विशेष अधिवेशन का आयोजन किया गया जिसमें असहयोग आंदोलन को आगे बढ़ाने पर सहमती बनी| इसके नेतृत्व में मुस्लिम तथा मजदूर वर्ग की बड़े पैमाने पर भागीदारी देखी गई|
  • असहयोग आंदोलन की रणनीति निश्चित करने में गाँधी जी ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की| असहयोग आंदोलन 5 फरवरी 1922 को चौरी चौरा की घटना के बाद 12 फरवरी 1922 ....
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