संज्ञानात्मक विसंगति को स्पष्ट कीजिए। उन नैतिक आधारों की चर्चा कीजिए जिनसे संज्ञानात्मक विसंगति से निपटा जा सके?

उत्तरः एक ऐसी परिघटना जिसमें कोई व्यक्ति विरोधाभासी विचारों अथवा मान्यताओं के कारण मनोवैज्ञानिक यंत्रणा का अनुभव करता है, तो उस स्थिति को संज्ञानात्मक विसंगति (Cognitive dissonance) कहा जाता है। उदाहरण के लिए, इस बात से अवगत होने के बावजूद कि धूम्रपान से कैंसर होता है, जब कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है तो इस स्थिति को संज्ञानात्मक विसंगति कहते हैं। संज्ञानात्मक सततता (Cognitive consistency) की अवधारणा के अंतर्गत यह माना जाता है कि, मनुष्यों के आंतरिक व्यवहार एवं बाह्य अभिवृत्ति के मध्य उत्पन्न होने वाली असंगति से बचने में आंतरिक प्रेरणा सहायता करती है।

  • नैतिक आधार पर तीन उपायों ....
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