भारत में समावेशी विकास में पशुधन क्षेत्र की भूमिका को स्पष्ट करते हुए बताइए कि इस क्षेत्र में कौन-सी चुनौतियां व्याप्त हैं?

उत्तरः पशुपालन गतिविधियों को कृषि के सहयोगी कार्यों के रूप में शामिल किया जाता है। भारत के अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में मिश्रित कृषि का प्रचलन है, जिसके अंतर्गत फसलों के उत्पादन के साथ पशुपालन तथा मत्स्यपालन संबंधी क्रियाएं की जाती हैं। वर्ष 2012 तक कृषि जीडीपी तथा राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में पशुपालन का योगदान क्रमशः 25.6% तथा 4.11% था।

समावेशी विकास में पशुधन की भूमिका

  • पशुपालन से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों विशेषकर किसानों को अतिरिक्त आय के साधन प्राप्त होते हैं। आय के अतिरिक्त साधन उनके स्तर को ऊपर उठाते हैं।
  • पशुपालन से जनसंख्या के एक बड़े भाग को रोजगार ....

क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें

वार्षिक सदस्यता लें मात्र 600 में और पाएं...
पत्रिका की मासिक सामग्री, साथ ही पत्रिका में 2018 से अब तक प्रकाशित सामग्री।
प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा पर अध्ययन सामग्री, मॉक टेस्ट पेपर, हल प्रश्न-पत्र आदि।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित चुनिंदा पुस्तकों का ई-संस्करण।
पप्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के चुनिंदा विषयों पर वीडियो क्लासेज़।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित पुस्तकों पर अतिरिक्त छूट।

प्रश्न पत्र