भारत में क्षेत्रवाद की उत्पत्ति के लिए कारक उत्तरदाई हैं किंतु, इसका उदय मुख्य रूप से देश की समृद्ध विविधता को माना जाता है। स्पष्ट कीजिए।

उत्तरः भारत में एक लंबे समय से प्रादेशिकता के रूप में क्षेत्रवाद की अभिव्यक्ति प्रथम एवं पूर्ण राज्य की मांग तथा भारतीय संघ से अलग होने के रूप में दिखाई देती रही है। भौगोलिक, धार्मिक एवं जातीय पहचान, भाषा तथा नृजातीय कारक भारत की भौगोलिक व्यवस्था के रूप में प्रकट होकर की क्षेत्रवाद मांग को बढ़ावा देते हैं।

समृद्ध विविधता तथा क्षेत्रवाद की अवधारणा

  • जन्म से ही किसी व्यक्ति का अपने जन्म स्थान के प्रति लगाव होना स्वाभाविक है। यह पहचान जब राजनीतिक, सांस्कृतिक, आर्थिक तथा वैचारिक कारकों के साथ मिलकर पृथकता को बढ़ावा देती है तो इसे क्षेत्रवाद कहा ....

क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें

वार्षिक सदस्यता लें मात्र 600 में और पाएं...
पत्रिका की मासिक सामग्री, साथ ही पत्रिका में 2018 से अब तक प्रकाशित सामग्री।
प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा पर अध्ययन सामग्री, मॉक टेस्ट पेपर, हल प्रश्न-पत्र आदि।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित चुनिंदा पुस्तकों का ई-संस्करण।
पप्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के चुनिंदा विषयों पर वीडियो क्लासेज़।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित पुस्तकों पर अतिरिक्त छूट।

प्रश्न पत्र