पर्यावरण तथा स्वास्थ्य पर अम्लीय वर्षा के विभिन्न प्रभावों का परीक्षण करें। उनका मुकाबला करने के लिए किन उपायों की आवश्यकता है?

उत्तरः जब अम्लीय घटक के रूप में सल्फ्यूरिक तथा नाइट्रिक अम्ल शुष्क अथवा तरल अवस्था में बारिश, बर्फ, कोहरा तथा ओलावृष्टि के साथ पृथ्वी पर गिरते हैं तो उसे अम्लीय वर्षा कहा जाता है। जीवाश्म ईंधन, परिवहन साधन, विनिर्माण गतिविधियां तथा ज्वालामुखी प्रक्रिया अम्लीय वर्षा के लिए प्रमुख रूप से उत्तरदाई हैं।

अम्लीय वर्षा के प्रभाव

अम्लीय वर्षा मृदा से एल्यूमीनियम को निक्षालित करती है जिससे वृक्षों एवं जीव-जंतुओं को हानि पहुंचती है।

  • इससे मृदा के रासायनिक गुणों का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है तथा पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं।
  • अम्लीय वर्षा के कारण नदियों तथा झीलों का पीएच (pH) मान कम ....

क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें

वार्षिक सदस्यता लें मात्र 600 में और पाएं...
पत्रिका की मासिक सामग्री, साथ ही पत्रिका में 2018 से अब तक प्रकाशित सामग्री।
प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा पर अध्ययन सामग्री, मॉक टेस्ट पेपर, हल प्रश्न-पत्र आदि।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित चुनिंदा पुस्तकों का ई-संस्करण।
पप्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के चुनिंदा विषयों पर वीडियो क्लासेज़।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित पुस्तकों पर अतिरिक्त छूट।

प्रश्न पत्र