महिलाओं की शादी की उम्र में वृद्धि भारत में लैंगिक समानता स्थापित करने की दिशा में सहायक होगी। चर्चा कीजिये।

उत्तरः पुरुषों और महिलाओं की विवाह योग्य आयु में एकरूपता लाने के लिये केंद्रीय मंत्रिमंडल का प्रस्ताव निश्चित रूप से ‘सतत् विकास लक्ष्य-5’ को साकार करने की दिशा में एक प्रगतिशील कदम है।

विवाह योग्य कानूनी आयु में वृद्धि के पक्ष में तर्क

  • इससे अल्पायु विवाह तथा बाल विवाह के विरुद्ध महिलाओं के अधिकारों को सुरक्षा प्राप्त होगी।
  • महिलाओं एवं पुरुषों की विवाह आयु 21 वर्ष किए जाने से लैंगिक समानता को बढ़ावा मिलेगा।
  • सामाजिक धारणाओं में परिवर्तन लाने तथा समाज को प्रगतिशील बनाने के लिए आवश्यक है कि महिला एवं पुरुषों पर समान कानूनों को लागू किए जाए।
  • विवाह की उम्र में ....

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