Question : "सूत्र और मंत्रणा के बीच विभेदन परम न हो कर सापेक्ष है।" चर्चा कीजिए।
(2007)
Answer : मुख्य कार्यपालिका सभी कार्यों को खुद निष्पादित नहीं कर सकती है और शासन के प्रत्येक विषय पर उसका ज्ञान तथा अनुभव पर्याप्त है तथा उसे हर कदम पर परामर्शदाताओं तथा विशेषज्ञों की आवश्यकता होती है। मुख्य कार्यपालिका के पास कार्य करने तथा विचार करने के लिए बहुत सारी विचारधाराएं होती हैं। मुख्य कार्यपालिका को सहायता तथा परामर्श उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में दो प्रकार के प्रशासनिक अभिकरण कार्य करते हैं-
सूत्र या पंक्ति अभिकरण का सम्बन्ध कमान की उस श्रृंखला से होता है, जो शीर्ष संवर्ग से चलकर निम्नतम संवर्ग या कर्मचारी तक आती है। सरकार के विभाग या मंत्रलय सूत्र अभिकरण हैं। मुख्य कार्यपालिका को सरकार की नीतियों तथा निर्णयों का क्रियान्वयन सूत्र अभिकरण ही करते हैं।
दूसरी और कर्मचारी या मंत्रणा या स्टाफ अभिकरण का सम्बन्ध उन सेवाओं से है जो परामर्श से है जो परामर्श या सहायता के रूप में मुख्य कार्यपालिका से दी जाती है। स्टाफ अभिकरण वास्तव में सूचनाएं तथा परामर्श देने का काम करता है, ताकि मुख्य कार्यपालिका को निर्णय लेने में आसानी रहे। भारत में प्रधानमंत्री कार्यालय तथा मंत्रिमंडल सचिवालय इत्यादि स्टाफ अभिकरण की श्रेणी में आते हैं। सूत्र एवं स्टाफ अभिकरणों के मध्य यह अन्तर सबसे पहले सैन्य प्रशासन में शुरू हुआ था।
लोक प्रशासन में सूत्र एवं स्टाफ अभिकरण का पूर्ण तथा स्पष्ट विभाजन सरल नहीं है क्योंकि राज्य के कार्य तथा विशेषज्ञता के प्रसार ने प्रशासनिक संगठनों को जटिल बना दिया है। सूत्र एवं स्टाफ अभिकरणों का विभाजन सुविधा की दृष्टि से किया जाता है। यह कोई संवैधानिक प्रावधान अथवा कानूनी प्रावधान के अन्तर्गत नहीं है। सामान्यतः सूत्र एवं स्टाफ का विभाजन या वर्गीकरण मुख्यतः सत्ता उद्देश्य तथा कार्य पद्धति आधार पर किया जाता है। सूत्र तथा स्टापफ़ का विभाजन प्रशासन के प्रत्येक स्तर पर पाया जाता है। जहां मुख्य कार्यपालिका होती है, वहां सूत्र एवं स्टाफ अभिकरण होती है। प्रशासनिक संगठनों में सूत्र तथा स्टाफ का अन्तर परोक्ष नहीं है। यह अन्तर सापेक्ष होता है क्योंकि सूत्र स्टाफ की तरह और स्टाफ भी सूत्र की तरह कार्य करते हैं।