संगीत कला

भारत में प्रागैतिहासिक काल से ही संगीत की समृद्ध परम्परा रही है।

सिंधु घाटी की सभ्यता में संगीत

माना जाता है कि संगीत का प्रारम्भ सिंधु घाटी की सभ्यता के काल में हुआ, जिसका साक्ष्य हमे नृत्य बाला की मुद्रा में कांस्य मूर्ति एवं नृत्य, नाटक और संगीत के देवता की पूजा का प्रचलन के देखा में जा सकता है।

  • सिंधु घाटी सभ्यता के स्थलों से एक संगीत वाद्ययंत्र, 7 छेद वाली बांसुरी प्राप्त की गई है।

वैदिक काल में संगीत

पहली बार संगीत का साहित्यिक प्रमाण पहले वैदिक काल में मिलता है।

  • आधुनिक भारतीय संगीत का प्रादुर्भाव वैदिक-कालीन सामगान ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

प्रारंभिक विशेष