रंगमंच (Theater)

रंगमंच का विकास सर्वप्रथम भारत में ही हुआ। ऋग्वेद के कतिपय सूत्रों में यम और यमी, पुरुरवा एवं उर्वशी आदि के कुछ संवाद हैं।

  • भरत मुनि कृत नाट्यशास्त्र भारतीय रंगमंच पर प्रकाश डालने वाला सर्वप्रथम कृति है।
  • नाट्यशास्त्र में मंडप कोटि की नाट्य शालाओं का उल्लेख मिलता है। अन्य संस्कृत ग्रंथों में रंगमंच, प्रेक्षकों के बैठने के स्थान आदि के विविध प्रकारों का विवरण प्राप्त होता है।
  • इन संवादों में लोक नाटक के विकास का चिह्न पाये जाते हैं।
  • इन्हीं संवादों से प्रेरणा ग्रहण कर लोगों ने नाटक की रचना की और नाट्यकला का विकास हुआ।
  • इसी प्रकार महाभारत में रंगशाला का उल्लेख ....
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