स्थानीय प्रशासन

ऋग्वैदिक कालः इस काल में सभा, समिति और गण तथा विदथ जैसी परिषदों का उल्लेख मिलता है, जिसका मुख्य कार्य सैनिक एवं धार्मिक था।

    • सभा श्रेष्ठ एवं अभिजात लोगों की संस्था थी तथा समिति सामान्य जन की प्रतिनिधि सभा थी, जिसे राजा की नियुक्ति और पद्च्युति का अधिकार था।
    • विदथ आर्यों की प्राचीनतम संस्था थी।
    • स्त्रियों को सभा और विदथ में भाग लेने का अधिकार था।
    • राजा का पद आनुवांशिक था तथा इस काल में कुल, ग्राम, विश, जन में प्रशासनिक इकाई विभाजित था।
    • राजनीतिक व्यवस्था में सबसे छोटी इकाई परिवार थी। गांव में परिवारों का समूह होता था। गांव के मुखिया को ‘ग्रामीण’ कहा ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

प्रारंभिक विशेष