स्वतंत्रता संघर्ष की क्रांतिकारी गतिविधियां

क्रांतिकारी आंदोलन का जन्म महाराष्ट्र में हुआ था, लेकिन कालांतर में इसका प्रधान केन्द्र बंगाल बन गया। भारत के अन्य प्रांतों तथा विदेशों में भी भारतीय क्रांतिकारी सक्रिय थे।

बंगाल में क्रांतिकारी आन्दोलन

  • बंगाल के क्रांतिकारी नेता बरीन्द्र कुमार घोष और भूपेन्द्र नाथ दत्त थे। इन दोनों ने युगांतर तथा संध्या नामक क्रांतिकारी पत्रों द्वारा क्रांतिकारी विचारधारा का प्रचार किया।
  • अनुशीलन समितिः अनुशीलन समिति भारत के स्वतंत्रता संग्राम के समय बंगाल में बनी अंग्रेज-विरोधी, गुप्त, क्रान्तिकारी, सशस्त्र संस्था थी।
  • इसका उद्देश्य बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय के बताये गये मार्ग का ‘अनुशीलन’ करना था।
  • इसकी लगभग ....
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