न्यायिक व्यवस्था

वैदिक कालः इस काल में अदालतों को सभा कहा जाता था। वे एक या एक से अधिक गांवों के विवादों का निपटारा अपने स्तर पर कर देती थीं।

    • राजधानी में दो तरह की अदालतें होती थीं। राजा की अदालत सबसे बड़ी होती थी।
    • राजा के नीचे भी एक न्यायालय होता था, जिसमें एक न्यायाधीश तथा आम नागरिकों के बीच से लिए गए कुछ लोग होते थे, जिन्हें वर्तमान में ज्यूरी कहा जा सकता है।
    • सुनवाई खुली अदालत में होती थी।
  • मौर्य कालः न्याय के लिए अनेक न्यायालय विद्यमान थे, परन्तु सभी न्यायालयों में राजा का न्यायालय सबसे बड़ा होता ....
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