पंचायती राज संस्थानों का वित्तीय सशक्तीकरण : उपाय और चुनौतियां
पंचायती राज संस्थान (Panchayati Raj Institution- PRI) भारत में ग्रामीण स्थानीय स्वशासन की एक प्रणाली है। पंचायती राज व्यवस्था आम ग्रामीण जनता की लोकतंत्र में प्रभावी भागीदारी का सशक्त माध्यम है।
- 73वें संविधान संशोधन द्वारा एक सुनियोजित पंचायती राज व्यवस्था स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त किया गया है।
- भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा जारी वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिये 'पंचायती राज संस्थानों की वित्त व्यवस्था' रिपोर्ट के अनुसार, पंचायतों को अपने राजस्व का केवल 1% करों के माध्यम से प्राप्त होता हैं।
वित्तीय सशक्तीकरण के उपाय
- वित्तीय स्वायत्तता: पंचायती ....
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मुख्य विशेष
- 1 भारत के आपराधिक कानून में बदलाव: आपराधिक न्याय प्रणाली पर प्रभाव
- 2 डिजिटलीकरण: स्थानीय सरकारों के लिए एक गेम चेंजर
- 3 विकेंद्रीकृत शासन को प्रोत्साहन: छठी अनुसूची की भूमिका
- 4 नागरिक चार्टर: महत्वपूर्ण अंतराल और सुधारों की आवश्यकता
- 5 राज्यपालों की विवेकाधीन शक्तियां
- 6 विशेष श्रेणी के राज्य: अतिरिक्त वित्त की मांग
- 7 भारत में सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने में राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों का महत्व
- 8 संविधान की 9वीं अनुसूचीः न्यायिक समीक्षा से संरक्षण
- 9 भारत में स्थानीय स्वशासन
- 10 न्यायिक बहुसंख्यकवाद एवं इससे संबंधित मुद्दे
- 11 भारत में न्यायेतर हत्याएं: मुद्दे एवं उपाय
- 12 विशेष न्यायालय: आवश्यकता एवं प्रासं गिकता
- 13 आधारभूत ढांचे का सिद्धांत
- 14 राज्यपाल की विवेकाधीन शक्तियां
- 15 सिविल सेवा क्षमता निर्माण
- 16 सामान्य अध्ययन 100 महत्वपूर्ण विषय - संविधान एवं शासन प्रणाली (जीएस पेपर-2)