राज्यपाल की विवेकाधीन शक्तियां

राज्यपाल केंद्र और राज्यों के बीच सेतु का काम करता है। इसे सहकारी शासन का एक प्रमुख स्तंभ माना जाता है।

  • भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में राज्यपाल राज्य के संवैधानिक प्रमुख और केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में ‘दोहरी भूमिका’ के रूप में कार्य करता है।

राज्यपाल की विवेकाधीन शक्तियां

  • भारतीय शासन प्रणाली में केंद्रीय स्तर पर भारत के राष्ट्रपति को तथा राज्य स्तर पर सभी राज्यों के राज्यपालों को कुछ विवेकाधीन शक्तियां प्रदान की गई हैं।
  • राज्य कार्यपालिका के प्रमुख होने के नाते राज्यपाल को दो प्रकार की विवेकाधीन शक्तियां प्राप्त होती हैं:
    1. संवैधानिक विवेकाधिकार (Constitutional Discretion)
    2. परिस्थितिजन्य विवेकाधिकार (Situational Discretion)
  • राज्यपाल को प्राप्त ....
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