सिविल सेवा क्षमता निर्माण
सिविल सेवक, नीति निर्धारण के अभिकर्ता तथा शासन के कार्यकारी माध्यम हैं, जो जमीनी-स्तर पर कार्य करते हैं।
- सिविल सेवकों की क्षमता एवं कौशल, सेवाओं के वितरण, कार्यक्रम कार्यान्वयन तथा शासन-प्रशासन के मुख्य कार्यों के निष्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका है।
- सिविल सेवकों के क्षमता निर्माण से शासकीय प्रणाली की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है। साथ ही लोक सेवा को नागरिकों की आवश्यकता के अनुरूप अधिक कुशल, कारगर, जवाबदेह एवं उत्तरदायी बनाया जा सकता है।
सिविल सेवकों का क्षमता निर्माण क्यों आवश्यक है?
- सिविल सेवा का मुख्य लक्ष्य आम आदमी के लिए जीवन जीने की सहजता तथा नागरिक केन्द्रित ....
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मुख्य विशेष
- 1 भारत के आपराधिक कानून में बदलाव: आपराधिक न्याय प्रणाली पर प्रभाव
- 2 डिजिटलीकरण: स्थानीय सरकारों के लिए एक गेम चेंजर
- 3 विकेंद्रीकृत शासन को प्रोत्साहन: छठी अनुसूची की भूमिका
- 4 नागरिक चार्टर: महत्वपूर्ण अंतराल और सुधारों की आवश्यकता
- 5 राज्यपालों की विवेकाधीन शक्तियां
- 6 विशेष श्रेणी के राज्य: अतिरिक्त वित्त की मांग
- 7 भारत में सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने में राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों का महत्व
- 8 पंचायती राज संस्थानों का वित्तीय सशक्तीकरण : उपाय और चुनौतियां
- 9 संविधान की 9वीं अनुसूचीः न्यायिक समीक्षा से संरक्षण
- 10 भारत में स्थानीय स्वशासन
- 11 न्यायिक बहुसंख्यकवाद एवं इससे संबंधित मुद्दे
- 12 भारत में न्यायेतर हत्याएं: मुद्दे एवं उपाय
- 13 विशेष न्यायालय: आवश्यकता एवं प्रासं गिकता
- 14 आधारभूत ढांचे का सिद्धांत
- 15 राज्यपाल की विवेकाधीन शक्तियां
- 16 सामान्य अध्ययन 100 महत्वपूर्ण विषय - संविधान एवं शासन प्रणाली (जीएस पेपर-2)