भारत में स्थानीय स्वशासन
आधुनिक भारत में स्थानीय स्वशासन को प्रारंभ करने का मूल उद्देश्य गांवों का विकास करना तथा स्थानीय स्तर पर लोगों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में प्रत्यक्ष भागीदार बनाना है।
- भारत ने स्थानीय स्वशासन को सफलतापूर्वक लागू कर, वैश्विक समुदाय के समक्ष लोकतांत्रिक प्रक्रिया के विकेंद्रीकरण का एक बेहतर उदाहरण प्रस्तुत किया है। लोकतंत्र की सफलता के लिए यह आवश्यक है कि शासन के सभी स्तरों पर जनता की भागीदारी सुनिश्चित हो।
भारत में स्थानीय स्वशासन का विकास
- अनुच्छेद 40 में प्रावधान किया गया है कि फ्राज्य, ग्राम पंचायतों का संगठन करने के लिए कदम उठाएगा और उन्हें ऐसी शक्तियां और प्राधिकार ....
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मुख्य विशेष
- 1 भारत के आपराधिक कानून में बदलाव: आपराधिक न्याय प्रणाली पर प्रभाव
- 2 डिजिटलीकरण: स्थानीय सरकारों के लिए एक गेम चेंजर
- 3 विकेंद्रीकृत शासन को प्रोत्साहन: छठी अनुसूची की भूमिका
- 4 नागरिक चार्टर: महत्वपूर्ण अंतराल और सुधारों की आवश्यकता
- 5 राज्यपालों की विवेकाधीन शक्तियां
- 6 विशेष श्रेणी के राज्य: अतिरिक्त वित्त की मांग
- 7 भारत में सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने में राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों का महत्व
- 8 पंचायती राज संस्थानों का वित्तीय सशक्तीकरण : उपाय और चुनौतियां
- 9 संविधान की 9वीं अनुसूचीः न्यायिक समीक्षा से संरक्षण
- 10 न्यायिक बहुसंख्यकवाद एवं इससे संबंधित मुद्दे
- 11 भारत में न्यायेतर हत्याएं: मुद्दे एवं उपाय
- 12 विशेष न्यायालय: आवश्यकता एवं प्रासं गिकता
- 13 आधारभूत ढांचे का सिद्धांत
- 14 राज्यपाल की विवेकाधीन शक्तियां
- 15 सिविल सेवा क्षमता निर्माण
- 16 सामान्य अध्ययन 100 महत्वपूर्ण विषय - संविधान एवं शासन प्रणाली (जीएस पेपर-2)