Question : नागरी लिपि में सुधार के प्रयास
(2008)
Answer : देवनागरी लिपि में हिंदी लेखन और मुद्रण की दृष्टि से जो दोष हैं उनकी ओर कई विद्वानों का ध्यान गया है और समय-समय पर सुधार करने का प्रयास किया गया है। सबसे पहले इस मुद्दे पर महान राष्ट्रीय नेता बालगंगाधर तिलक का ध्यान गया।
1904 में उन्होंने अपने पत्र केसरी के लिए कुछ टाइपों को मिलाकर या उसके हेर-फेर से उनमें कमी के प्रयोग आरंभ किए और वे टाइपों की छंटाई करते-करते 190 टाइपों का एक ....
Question : देवनागरी लिपि के ‘गुण-दोष’ की विवेचना कीजिए।
(2005)
Answer : ब्राह्मी लिपि से निष्पन्न गुप्त लिपि एवं गुप्त लिपि से निष्पन्न कुटिल लिपि से ही देवनागरी लिपि विकसित हुई है। इसके अस्तित्व में आने का प्रमाण आठवीं-नवीं शताब्दी में मिलता है। वैसे यह उत्तर भारत की लिपि मानी जाती है, किन्तु दक्षिण भारत में भी इस लिपि में लिखे हुए आठवीं शताब्दी के लेख प्राप्त हुए हैं। राष्ट्रकूट वंश के राजा दन्तिदुर्ग के सामनगढ़ दानपत्र जो 754 ई. का है, में यह लिपि उपलब्ध है। ....
Question : नागरी लिपि की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए उनमें आपेक्षित सुधारों पर प्रकाश डालिए।
(2004)
Answer : भारत की प्राचीन लिपियों में सिंधु लिपि और ब्राह्मी लिपि प्रसिद्ध है। सिंधु लिपि और ब्राह्मी लिपि से देवनागरी का कोई सीधा संबंध नहीं है। ऐसा माना जाता है कि गुप्त काल के आरंभ में ब्राह्मी लिपि के दो भेद हो गए- दक्षिणी ब्राह्मी और उत्तरी ब्राह्मी। दक्षिणी ब्राह्मी से तेलुगू और तमिल लिपियों का और बहुत बाद में कन्नड़ और मलयालम लिपियों का विकास हुआ। उत्तरी ब्राह्मी का ही ‘गुप्त लिपि’ नाम पड़ा, जो ....
Question : नागरी लिपि में सुधार के विभिन्न प्रस्ताव:
(2002)
Answer : देवनागरी लिपि में हिन्दी लेखक और मुद्रण की दृष्टि से जो दोष हैं, उनकी ओर कई विद्वानों का ध्यान गया है और समय-समय पर सुधार करने का प्रयास किया गया है, पहले इस मुद्दे पर महान राष्ट्रीय नेता बालगंगाधर तिलक का ध्यान गया। 1904 में उन्होंने अपने पत्र केसरी के लिए कुछ टाइपों को मिलाकर या उनके हेर-फेर से, उनमें कमी के प्रयोग आरंभ किए और वे टाइपों की छंटाई करते-करते 190 टाइपों का एक ....