अजन्मे बच्चे (Unborn Child) का अधिकार

संविधान अनुच्छेद 21 में कहा गया है कि कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अलावा किसी भी व्यक्ति को उसके जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जाएगा।

    • निश्चितता की कमी के कारण अजन्मे बच्चे को एक सामान्य व्यक्ति माना जाए या नहीं, यह अत्यधिक बहस का विषय बना हुआ है।
  • हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि भ्रूण की असामान्यताओं से जुड़े गर्भावस्था के मामलों में अंतिम विकल्प मां का है और इस बात पर जोर दिया कि ऐसे मामलों में मेडिकल बोर्ड को गुणात्मक रिपोर्ट देनी चाहिए।
  • अजन्मे बच्चे को वे सभी अधिकार प्रदान किए ....
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