न्यायिक समीक्षा/सक्रियता/अतिरेक/संयम

न्यायिक समीक्षा (Judicial Review) विधायी अधिनियमों तथा कार्यपालिका के आदेशों की संवैधानिकता की जांच करने हेतु न्यायपालिका की शक्ति है, जो केंद्र एवं राज्य सरकारों पर लागू होती है।

    • न्यायिक समीक्षा एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके तहत कार्यपालिका और विधायी कार्य न्यायपालिका द्वारा समीक्षा के अधीन हैं।
    • न्यायिक समीक्षा शक्ति वाला एक न्यायालय उन कानूनों और निर्णयों को अमान्य कर सकता है, जो उच्च प्राधिकरण के साथ असंगत हैं।
  • किसी भी कानून को अमान्य घोषित करने के लिये न्यायालयों को सशक्त बनाने संबंधी संविधान में कोई भी प्रत्यक्ष अथवा विशिष्ट प्रावधान नहीं है। फिर भी संविधान के कुछ ऐसे प्रावधान ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

प्रारंभिक विशेष