भारत के अनौपचारिक क्षेत्र का औपचारीकरण : आर्थिक गतिविधियों के औपचारीकरण हेतु नीतिगत उपायों की आवश्यकता - डॉ. अमरजीत भार्गव

अनौपचारिक अर्थव्यवस्था उन उद्यमों का प्रतिनिधित्व करती है जो पंजीकृत नहीं हैं, तथा जहां नियोक्ताओं द्वारा कर्मचारियों को पर्याप्त सामाजिक सुरक्षा तथा अन्य लाभ प्रदान नहीं किए जाते हैं। अर्थव्यवस्था में औपचारिक क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा नियामक प्रक्रियाओं को सरल बनाने, अनुपालन बोझ को कम करने, प्रोत्साहन प्रदान करने, कौशल विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा देने तथा एक सक्षम व्यावसायिक वातावरण का निर्माण किया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त, औपचारिक अर्थव्यवस्था के लाभों के संदर्भ हितधारकों को जागरूक बनाने के साथ आर्थिक गतिविधियों में रूपांतरण हेतु संस्थागत कारकों का विनियमन भी महत्वपूर्ण है।

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