भारत में प्राथमिक शिक्षाप्रवृत्तियां एवं चुनौतियां

डॉ- अमरजीत भार्गव

  • 21वीं सदी के प्रथम दशक में सार्वभौमिक शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करने के अनेक प्रयास किए गए_ इसी संदर्भ में भारत में शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 लागू किया गया। इसका परिणाम यह हुआ कि एक दशक के अंदर ही 96%से अधिक बच्चों का (6 से 14 वर्ष की आयु के) स्कूलों में नामांकन हो गया। हालांकि शिक्षा की गुणवत्ता, शिक्षकों की शिक्षण पद्धति में सुधार तथा अवसंरचनात्मक संसाधनों के विकास पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया। परिणामस्वरूप सार्वभौमिक शिक्षा तक पहुंच के व्यावहारिक लाभ बच्चों तक नहीं पहुंच सके।
  • हाल ही में गैर सरकारी संस्था ‘प्रथम’ ....

क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें

वार्षिक सदस्यता लें मात्र 600 में और पाएं...
पत्रिका की मासिक सामग्री, साथ ही पत्रिका में 2018 से अब तक प्रकाशित सामग्री।
प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा पर अध्ययन सामग्री, मॉक टेस्ट पेपर, हल प्रश्न-पत्र आदि।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित चुनिंदा पुस्तकों का ई-संस्करण।
पप्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के चुनिंदा विषयों पर वीडियो क्लासेज़।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित पुस्तकों पर अतिरिक्त छूट।
आलेख