भारत की पारंपरिक ज्ञान प्रणाली : एक राष्ट्रीय निधि -(सतीश कुमार कर्ण)

पारंपरिक ज्ञान (Traditional knowledge) विश्व भर के देशज और स्थानीय समुदायों के ज्ञान, जानकारी, नवाचारों और परंपराओं को संदर्भित करता है। यह सदियों के अनुभव एवं स्थानीय संस्कृति और पर्यावरण के अनुकूलन के आधार पर पीढ़ी दर पीढ़ी मौखिक रूप से संचालित होता है। लोक कथाएं, मूल्य, विश्वास, अनुष्ठान, सामुदायिक नियम और कृषि तकनीक, जिसमें पौधों की प्रजातियों और पशुओं की नस्लों का विकास शामिल है, सामूहिक स्वामित्व वाले ज्ञान के उदाहरण हैं। इसे कभी-कभी मौखिक परंपरा भी कहा जाता है। सामाजिक और आर्थिक सुधार के लिए पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों का अध्ययन, संरक्षण और इनको पुनर्जीवित करना समय की मांग ....

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