भारत में कॉरपोरेट गवर्नेंस

सुधार के मुद्दे व महत्वपूर्ण नियामक

भारतीय अर्थव्यवस्था की गतिशीलता के लिए प्रभावी कॉरपोरेट गवर्नेंस (प्रशासन) की आवश्यकता है। हालांकि, भारत में अभी भी कॉरपोरेट गवर्नेंस में सुधार की प्रक्रिया जारी है। भारत में कॉरपोरेट गवर्नेंस के कमजोर मानक लंबे समय से घरेलू व विदेशी निवेशकों के लिए बाधक रहे हैं। वर्ष 2018 में वित्तीय अनियमितता के कई मामले सामने आए थे। उदाहरण के लिए ICICI बैंक के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर मामला, प्स्-थ्ै मामला और स्प्ब् द्वारा प्क्ठप् बैंक की खरीद मामलों ने एक बार फिर से इस तथ्य पर जोर डाला गया ....

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