भारत-पाक विवाद का बहुआयामी स्वरूप

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अमेरिका और पूर्व सोवियत संघ के बीच शीत युद्ध का दौर चला। 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद विश्व एकध्रुवीय हो गया। 21वीं सदी के आरंभ से ही चीन ने अपनी शत्तिफ़ बढ़ाई और आज का विश्व बहुध्रुवीय स्वरूप में है। बावजूद इसके शीत युद्ध के अतीत का प्रभाव अभी भी बरकरार है।

  • विश्व पर अपनी भू-राजनीतिक पकड़ मजबूत बनाए रऽने के लिए कुछेक देशों ने अपने प्रतिद्वंद्वी देशों के अलगाववादियों को प्रकारांतर से समर्थन दिया। इसकी आड़ में विकसित देशों ने अपने हथियार बेचे और पैसे कमाए। कई पड़ोसी देशों में ....
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