भारत में जलवायु परिवर्तन सुभेद्यता

जलवायु परिवर्तन लगातार जारी है और यह प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र एवं मानवीय समाज को प्रभावित कर रहा है। जलवायु परिवर्तन और जलवायु परिवर्तनशीलता जैव-भौतिक प्रणालियों (पहाड़ों, नदियों, जंगलों, आर्द्रभूमियों, आदि) तथा सामाजिक-आर्थिक प्रणालियों (पहाड़ी समुदायों, तटीय समुदायों, कृषि, पशुपालन, आदि) दोनों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है। हालांकि तापमान, वर्षा, तूफानों की तीव्रता एवं आवृत्ति तथा समुद्री जल स्तर के संदर्भ में जलवायु परिवर्तन का प्रभाव स्थानिक और कालिक रूप से भिन्न होता है। इस प्रकार, कुछ क्षेत्र अन्य क्षेत्रों की तुलना में जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा हाल ही ....

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