भारत की जैव अर्थव्यवस्था सतत विकास की दिशा में आगे बढ़ने के लिए अहम

संपादकीय डेस्क

सतत विकास, जलवायु परिवर्तन की समस्या का समाधान है, जिसे अपनाया जाना एक विकल्प नहीं बल्कि आवश्यकता बन गई है। जैव अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देकर सतत विकास की दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है| जैव अर्थव्यवस्था, पर्यावरण अनुकूल विकास के साथ ही सामाजिक चुनौतियों का समाधान करने में भी मदद कर सकती है। भारत में जैव अर्थव्यवस्था के विकास की व्यापक संभावनाएं हैं| वर्ष 2021 में भारत की जैव अर्थव्यवस्था का मौद्रिकमूल्य80 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक था, जिसके वर्ष 2030 तक 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।

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