भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश का दोहन : मुद्दे एवं चुनौतियां

मानव संसाधन किसी भी राष्ट्र की अर्थव्यवस्था की रीढ़ होता है। इस संदर्भ में जनसांख्यिकीय लाभांश की स्थिति द्वारा न केवल किसी राष्ट्र का आर्थिक विकास सुनिश्चित होता है, अपितु यह उसकी सामाजिक-सांस्कृतिक संरचना के निर्माण में भी अहम भूमिका निभाता है। वर्तमान में भारत जनसांख्यिकीय लाभांश की स्थिति में है, जो भारत को 2024-25 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाकर आने वाले दशकों में विश्व की प्रमुख आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर करेगा।

हाल ही में जारी राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के अनुसार भारत की कुल प्रजनन दर (TFR) 2.0 के प्रतिस्थापन स्तर पर पहुंच गई है, ....

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