हिमालयी क्षेत्र में जल विद्युत परियोजनाएं

पर्यावरण मंत्रालय ने अगस्त 2021 में सुप्रीम कोर्ट में दिए एक शपथ-पत्र में स्पष्ट किया है कि उसने सात पनबिजली परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की है, जो निर्माण के ‘उन्नत चरणों’ में हैं।

महत्वपूर्ण तथ्यः सात परियोजनाएं टिहरी चरण 2 (1000 मेगावाट), तपोवन विष्णुगाड (जो फरवरी 2021 की बाढ़ से प्रभावित हुई थी) (520 मेगावाट), विष्णुगाड पीपलकोटी (444 मेगावाट), सिंगोली भटवारी (99 मेगावाट), फाटा भुयांग (76 मेगावाट), मधमहेश्वर (15 मेगावाट), और कालीगंगा प्प् ( 4-5 मेगावाट) हैं।

  • 2013 की केदारनाथ बाढ़ के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड में जलविद्युत परियोजनाओं के विकास पर रोक लगा दी थी।
  • अलकनंदा और भागीरथी बेसिन ....
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