मृदा स्वास्थ्य को पुनर्जीवित करने के लिए आदिवासी किसानों की पहल को एफएओ ने दी मान्यता

मृदा स्वास्थ्य को पुनर्जीवित करने और इसकी जैव विविधता को बहाल करने के लिए दक्षिणी राजस्थान के तीन जिलों में आदिवासी किसानों की एक सामुदायिक पहल को संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) से मान्यता दी गई है।

  • एफएओ ने मृदा स्वास्थ्य, कृषि उत्पादन और पर्यावरण संरक्षण पर इसके प्रभाव के लिए इस क्षेत्र में अपनाई गई ‘पोषण-संवेदनशील कृषि प्रणाली’ (nutrition-sensitive farming system) की प्रशंसा की है। आदिवासी बहुल प्रतापगढ़, डूंगरपुर और बांसवाड़ा जिलों में शुरू की गई पहल से बड़ी संख्या में पारंपरिक कृषि पद्धतियों का पुनः प्रवर्तन हुआ है।
  • एफएओ ने इस पहल की सराहना की है ....
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