​सकल स्थिर पूंजी निर्माण (GFCF)

  • सकल स्थिर पूंजी निर्माण (Gross Fixed Capital Formation - GFCF) का GDP में धीमा विकास भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती बना हुआ है।
  • GFCF का महत्त्व: यह निवेश, उत्पादकता और आत्मनिर्भरता को बढ़ाता है, जिससे दीर्घकालिक आर्थिक विकास सुनिश्चित होता है।

भारत में GFCF का विकास

  1. उदारीकरण से पहले (1991 से पहले): GDP का 10% निवेश।
  2. उदारीकरण के बाद (1990-2008): GFCF लगातार बढ़कर 2007-08 में 27% तक पहुँचा।
  3. 2011-12 के बाद गिरावट: निजी निवेश गिरकर 2020-21 में 19.6% रह गया।
  4. वर्तमान प्रवृत्ति:
    • 2014-15: ₹32.78 लाख करोड़ (स्थिर कीमतों पर)।
    • 2022-23 (अनंतिम अनुमान): ₹54.35 लाख करोड़।

GFCF में गिरावट के कारण

  1. उच्च उपभोग, कम बचत: ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

प्रारंभिक विशेष