​भारत का पहला मधुमेह बायोबैंक

  • बायो-बैंक को आईसीएमआर के सहयोग से दिसंबर 2024 में मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन (MDRF), चेन्नई में लॉन्च किया गया।
  • यह मधुमेह अनुसंधान के लिए विविध भारतीय आबादी से जैव-नमूने संग्रहीत करता है।
  • व्यक्तिगत उपचार को सक्षम करने के लिए टाइप 1, 2 और गर्भावधि मधुमेह पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
  • बायोबैंक बायोमार्कर्स की पहचान करने और सार्वजनिक स्वास्थ्य योजना को समर्थन देने में मदद करते हैं।
  • भारत में 101 मिलियन से अधिक मधुमेह रोगी हैं, जिससे एनपीएनसीडी और एनएचएम कार्यक्रमों के तहत ऐसी पहल महत्वपूर्ण हो जाती है।
    • गैर-संचारी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपी-एनसीडी), ....
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