आरक्षण एक मौलिक अधिकार नहींः सर्वाेच्च न्यायालय

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में निर्णय दिया कि आरक्षण का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं है। अतः इसका दावा हर कोई नहीं कर सकता है। इसके साथ ही किसी श्रेणी विशेष के अंतर्गत कोटा का लाभ नहीं देना किसी संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन नहीं माना जा सकता।

मामला

मामल तमिलनाडु में मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश से संबन्धित है जिसमें याचिका कर्ता द्वारा कहा गया कि अखिल भारतीय कोटा के तहत आने वाली सीटों में से तमिलनाडु में पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग के 50 फीसदी उम्मीदवारों को मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश मिलना चाहिए।

  • सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सवाल ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

विशेष