इंटरनेट सेवा मूल अधिकार

उच्चतम न्यायालय ने कुछ प्रतिबंधों को छोड़कर संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत इंटरनेट सेवा को (Internet services) मूल अधिकार (fundamental right) के रूप में मान्यता प्रदान की है। उच्चतम न्यायालय के अनुसार अभिव्यक्ति की आजादी और असहमति को दबाने के लिए निषेधाज्ञा का अनिश्चितकाल तक प्रयोग नहीं किया जा सकता।

  • न्यायालय ने प्रेस की आजादी (freedom of press) को मूल्यवान और पवित्र अधिकार (sacred right) माना है।
  • यह फैसला जम्मू-कश्मीर में पिछले साल 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर में लगाए गए प्रतिबंधों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आया है।
  • सुप्रीम ....
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