मणिपुर के चाक-हाओ और गोरखपुर टेराकोटा के लिए जीआई टैग

चाक-हाओ, मणिपुर का काले चावल का एक प्रकार है जिसकी सदियों से मणिपुर में खेती की जाती है। चाक-हाओ के साथ ही गोरखपुर टेराकोटा को भी जियोग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई) टैग प्रदान किया गया है।

चाक-हाओ

  • इसकी अपनी एक विशेष सुगंध होती है।
  • यह आम तौर पर सामुदायिक दावतों के दौरान इसे खाया जाता है।
  • चक-हाओ का उपयोग पारंपरिक चिकित्सकों द्वारा पारंपरिक चिकित्सा के हिस्से के रूप में भी किया जाता है।

गोरखपुर का टेराकोटा

  • यह एक सदियों पुराना पारंपरिक कला रूप है, जहाँ कुम्हार विभिन्न जानवरों की आकृतियाँ बनाते हैं, जैसे कि घोड़े, हाथी, ऊँट, बकरी, बैल आदि।
  • जीआई टैग मिलने ....
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