शहरीकरण: महिलाओं का सशक्तीकरण एवं चुनौतियां
शहरीकरण ने महिलाओं के जीवन में व्यापक परिवर्तन किये हैं। एक ओर, शहरीकरण ने महिलाओं के लिए नए अवसर और संभावनाएं खोली हैं, वहीं दूसरी ओर, इसके साथ आने वाली चुनौतियां भी कम नहीं हैं।
- महिलाओं की सुरक्षा, समान अवसर, मानसिक स्वास्थ्य समर्थन, और शिक्षा के क्षेत्रों में सुधार करके ही हम शहरीकरण के सकारात्मक प्रभावों को अधिकतम और नकारात्मक प्रभावों को न्यूनतम कर सकते हैं।
शहरीकरण: महिलाओं का सशक्तीकरण
- शिक्षा और रोजगार के अवसर: शहरीकरण ने महिलाओं के लिए शिक्षा और रोजगार के नए अवसर प्रदान किए हैं। शहरों में उच्च शिक्षा संस्थानों, प्रशिक्षण केंद्रों, और विभिन्न उद्योगों ....
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मुख्य विशेष
- 1 पारंपरिक ज्ञान प्रणाली
- 2 कृषि का नारीकरण
- 3 क्षेत्रवाद की चुनौती : सांस्कृतिक मुखरता और असमान क्षेत्रीय विकास
- 4 ग्रामीण महिलाएं: आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्व
- 5 वैश्वीकरण के सामाजिक, आर्थिक व सांस्कृतिक प्रभाव
- 6 सामाजिक मूल्यों पर बढ़ती सांप्रदायिकता का प्रभाव
- 7 भारतीय मीडिया में लैंगिक रूढ़िबद्धता
- 8 महिलाओं के लिए स्वामित्व का अधिकार: मुद्दे एवं समाधान
- 9 पॉपुलेशन एजिंग: चुनौतियां एवं सामाजिक निहितार्थ
- 10 महिलाओं की श्रम बल में घटती भागीदारी: कारण एवं सुझाव
- 11 भारत में आंतरिक प्रवासन
- 12 परंपरागत जनजातीय समाज पर भूमंडलीकरण के प्रभाव
- 13 भारत में बढ़ती असमानता : कारण एवं निवारण
- 14 भारतीय धर्मनिरपेक्षता की विशिष्टता
- 15 भारतीय मीडिया में लैंगिक रूढ़िवादिता
- 16 सामाजिक सामंजस्य पर सांप्रदायिकता की चुनौतियां और निहितार्थ
- 17 जाति आधारित जनगणना: सामाजिक निहितार्थ
- 18 वैश्वीकरण: भारतीय समाज पर सामाजिक-सांस्कृतिक प्रभाव
- 19 आधुनिक भारतीय समाज की परिवर्तनशील गत्यात्मकता
- 20 बलात् विस्थापन: कारण एवं समाधान
- 21 धर्मांतरण एवं भारतीय समाज
- 22 समान नागरिक संहिता: आवश्यकता एवं व्यवहार्यता
- 23 ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों को पुनर्जीवित करना
- 24 भारत में सहकारिता का महत्व
- 25 शहरीकरण के सामाजिक परिणाम
- 26 भारत में अल्पसंख्यक: चुनौतियां और सुरक्षा उपाय
- 27 राष्ट्रवाद बनाम क्षेत्रवाद