भारत में आंतरिक प्रवासन
कोविड-19 महामारी काल में लगाया गए लॉकडाउन के समय भारत में आंतरिक प्रवास की व्यापक घटनाएं देखने को मिली। इस समय, शहरी क्षेत्रों में काम करने वाले कामगारों का महामारी के प्रभावों से बचने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों की ओर प्रवास हुआ। नौकरी एवं रोजगार के अवसरों में आने वाली कमी इस प्रकार के आंतरिक प्रवास के अन्य कारण थे।
भारत में आंतरिक प्रवास
- प्रवासियों की बड़ी संख्या: भारत में अनुमानित रूप में 60 करोड़ जनसंख्या प्रवासी है। दूसरे शब्दों में, देश की लगभग आधी आबादी अपने जन्म स्थल की बजाए दूसरे क्षेत्रों में निवास कर रही है।
- अंतरा-राज्यीय प्रवास ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
वार्षिक सदस्यता लें मात्र 600 में और पाएं...
पत्रिका की मासिक सामग्री, साथ ही पत्रिका में 2018 से अब तक प्रकाशित सामग्री।
प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा पर अध्ययन सामग्री, मॉक टेस्ट पेपर, हल प्रश्न-पत्र आदि।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित चुनिंदा पुस्तकों का ई-संस्करण।
पप्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के चुनिंदा विषयों पर वीडियो क्लासेज़।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित पुस्तकों पर अतिरिक्त छूट।
मुख्य विशेष
- 1 पारंपरिक ज्ञान प्रणाली
- 2 कृषि का नारीकरण
- 3 क्षेत्रवाद की चुनौती : सांस्कृतिक मुखरता और असमान क्षेत्रीय विकास
- 4 ग्रामीण महिलाएं: आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्व
- 5 वैश्वीकरण के सामाजिक, आर्थिक व सांस्कृतिक प्रभाव
- 6 सामाजिक मूल्यों पर बढ़ती सांप्रदायिकता का प्रभाव
- 7 भारतीय मीडिया में लैंगिक रूढ़िबद्धता
- 8 महिलाओं के लिए स्वामित्व का अधिकार: मुद्दे एवं समाधान
- 9 पॉपुलेशन एजिंग: चुनौतियां एवं सामाजिक निहितार्थ
- 10 महिलाओं की श्रम बल में घटती भागीदारी: कारण एवं सुझाव
- 11 परंपरागत जनजातीय समाज पर भूमंडलीकरण के प्रभाव
- 12 भारत में बढ़ती असमानता : कारण एवं निवारण
- 13 भारतीय धर्मनिरपेक्षता की विशिष्टता
- 14 शहरीकरण: महिलाओं का सशक्तीकरण एवं चुनौतियां
- 15 भारतीय मीडिया में लैंगिक रूढ़िवादिता
- 16 सामाजिक सामंजस्य पर सांप्रदायिकता की चुनौतियां और निहितार्थ
- 17 जाति आधारित जनगणना: सामाजिक निहितार्थ
- 18 वैश्वीकरण: भारतीय समाज पर सामाजिक-सांस्कृतिक प्रभाव
- 19 आधुनिक भारतीय समाज की परिवर्तनशील गत्यात्मकता
- 20 बलात् विस्थापन: कारण एवं समाधान
- 21 धर्मांतरण एवं भारतीय समाज
- 22 समान नागरिक संहिता: आवश्यकता एवं व्यवहार्यता
- 23 ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों को पुनर्जीवित करना
- 24 भारत में सहकारिता का महत्व
- 25 शहरीकरण के सामाजिक परिणाम
- 26 भारत में अल्पसंख्यक: चुनौतियां और सुरक्षा उपाय
- 27 राष्ट्रवाद बनाम क्षेत्रवाद