भारत में अल्पसंख्यक: चुनौतियां और सुरक्षा उपाय
भारत विभिन्न संस्कृतियों, धर्मों और नृजातीयता के साथ विविधतापूर्ण देश है। यह मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन और अन्य जैसे धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ-साथ भाषाई एवं नृजातीय अल्पसंख्यकों का घर है। यद्यपि भारत का संविधान अल्पसंख्यकों सहित अपने सभी नागरिकों को समान अधिकार की गारंटी देता है, लेकिन चुनौतियां और चिंताएं अभी भी मौजूद हैं।
भारत में अल्पसंख्यकों के समक्ष चुनौतियां
- सांप्रदायिक तनाव और हिंसाः प्रमुख चुनौतियों में से एक लगातार होने वाली सांप्रदायिक तनाव और हिंसा की घटनाएं, जिसके परिणामस्वरूप अक्सर जीवन और संपत्ति का नुकसान होता है। ये संघर्ष मुख्य रूप से धार्मिक, जाति या जातीय मतभेदों से ....
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मुख्य विशेष
- 1 पारंपरिक ज्ञान प्रणाली
- 2 कृषि का नारीकरण
- 3 क्षेत्रवाद की चुनौती : सांस्कृतिक मुखरता और असमान क्षेत्रीय विकास
- 4 ग्रामीण महिलाएं: आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्व
- 5 वैश्वीकरण के सामाजिक, आर्थिक व सांस्कृतिक प्रभाव
- 6 सामाजिक मूल्यों पर बढ़ती सांप्रदायिकता का प्रभाव
- 7 भारतीय मीडिया में लैंगिक रूढ़िबद्धता
- 8 महिलाओं के लिए स्वामित्व का अधिकार: मुद्दे एवं समाधान
- 9 पॉपुलेशन एजिंग: चुनौतियां एवं सामाजिक निहितार्थ
- 10 महिलाओं की श्रम बल में घटती भागीदारी: कारण एवं सुझाव
- 11 भारत में आंतरिक प्रवासन
- 12 परंपरागत जनजातीय समाज पर भूमंडलीकरण के प्रभाव
- 13 भारत में बढ़ती असमानता : कारण एवं निवारण
- 14 भारतीय धर्मनिरपेक्षता की विशिष्टता
- 15 शहरीकरण: महिलाओं का सशक्तीकरण एवं चुनौतियां
- 16 भारतीय मीडिया में लैंगिक रूढ़िवादिता
- 17 सामाजिक सामंजस्य पर सांप्रदायिकता की चुनौतियां और निहितार्थ
- 18 जाति आधारित जनगणना: सामाजिक निहितार्थ
- 19 वैश्वीकरण: भारतीय समाज पर सामाजिक-सांस्कृतिक प्रभाव
- 20 आधुनिक भारतीय समाज की परिवर्तनशील गत्यात्मकता
- 21 बलात् विस्थापन: कारण एवं समाधान
- 22 धर्मांतरण एवं भारतीय समाज
- 23 समान नागरिक संहिता: आवश्यकता एवं व्यवहार्यता
- 24 ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों को पुनर्जीवित करना
- 25 भारत में सहकारिता का महत्व
- 26 शहरीकरण के सामाजिक परिणाम
- 27 राष्ट्रवाद बनाम क्षेत्रवाद