धर्मांतरण एवं भारतीय समाज

धर्मांतरण का तात्पर्य किसी एक धार्मिक संप्रदाय को छोड़कर किसी अन्य धार्मिक संप्रदाय के विश्वासों को अपनाना या इससे जुड़ना है। धर्मांतरण धार्मिक पहचान के परिवर्तन और विशेष अनुष्ठानों के परिवर्तन का प्रतीक होता है।

  • भारतीय समाज को सदियों से राजनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक स्तर पर धर्म द्वारा आकार दिया गया है। भारत को अपने समृद्ध धार्मिक इतिहास पर गर्व है, जिसमें हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, सिख धर्म और जैन धर्म शामिल हैं।
  • भारतीय संविधान के भाग 3 के अंतर्गत विभिन्न मौलिक अधिकार प्रदान किए गए हैं। उनमें से धर्म की स्वतंत्रता महत्वपूर्ण है, जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25-28 के ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें

वार्षिक सदस्यता लें मात्र 600 में और पाएं...
पत्रिका की मासिक सामग्री, साथ ही पत्रिका में 2018 से अब तक प्रकाशित सामग्री।
प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा पर अध्ययन सामग्री, मॉक टेस्ट पेपर, हल प्रश्न-पत्र आदि।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित चुनिंदा पुस्तकों का ई-संस्करण।
पप्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के चुनिंदा विषयों पर वीडियो क्लासेज़।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित पुस्तकों पर अतिरिक्त छूट।

मुख्य विशेष