बलात् विस्थापन: कारण एवं समाधान
बलात् विस्थापन के तहत् लोग मजबूरी वश अपने मूल स्थान से किसी दूसरे स्थान पर शरण लेने को विवश होते हैं। इस प्रकार विस्थापन के लिए मजबूर आबादी को दूसरे स्थान पर अपनी विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अलग-अलग प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
- शरणार्थियों की सबसे बड़ी समस्या यह है कि ये लोग अपनी मूलभूत आवश्यकताओं से पूर्ण रूप से वंचित हो जाते हैं। शरण देने वाले देश इन्हें अपने देश के संसाधनों के ऊपर बोझ समझते है, साथ ही स्थानीय लोग इनके साथ दोयम दर्जे का व्यवहार करते हैं। इसके कारण इनके मानव अधिकारों का ....
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मुख्य विशेष
- 1 पारंपरिक ज्ञान प्रणाली
- 2 कृषि का नारीकरण
- 3 क्षेत्रवाद की चुनौती : सांस्कृतिक मुखरता और असमान क्षेत्रीय विकास
- 4 ग्रामीण महिलाएं: आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्व
- 5 वैश्वीकरण के सामाजिक, आर्थिक व सांस्कृतिक प्रभाव
- 6 सामाजिक मूल्यों पर बढ़ती सांप्रदायिकता का प्रभाव
- 7 भारतीय मीडिया में लैंगिक रूढ़िबद्धता
- 8 महिलाओं के लिए स्वामित्व का अधिकार: मुद्दे एवं समाधान
- 9 पॉपुलेशन एजिंग: चुनौतियां एवं सामाजिक निहितार्थ
- 10 महिलाओं की श्रम बल में घटती भागीदारी: कारण एवं सुझाव
- 11 भारत में आंतरिक प्रवासन
- 12 परंपरागत जनजातीय समाज पर भूमंडलीकरण के प्रभाव
- 13 भारत में बढ़ती असमानता : कारण एवं निवारण
- 14 भारतीय धर्मनिरपेक्षता की विशिष्टता
- 15 शहरीकरण: महिलाओं का सशक्तीकरण एवं चुनौतियां
- 16 भारतीय मीडिया में लैंगिक रूढ़िवादिता
- 17 सामाजिक सामंजस्य पर सांप्रदायिकता की चुनौतियां और निहितार्थ
- 18 जाति आधारित जनगणना: सामाजिक निहितार्थ
- 19 वैश्वीकरण: भारतीय समाज पर सामाजिक-सांस्कृतिक प्रभाव
- 20 आधुनिक भारतीय समाज की परिवर्तनशील गत्यात्मकता
- 21 धर्मांतरण एवं भारतीय समाज
- 22 समान नागरिक संहिता: आवश्यकता एवं व्यवहार्यता
- 23 ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों को पुनर्जीवित करना
- 24 भारत में सहकारिता का महत्व
- 25 शहरीकरण के सामाजिक परिणाम
- 26 भारत में अल्पसंख्यक: चुनौतियां और सुरक्षा उपाय
- 27 राष्ट्रवाद बनाम क्षेत्रवाद