समान नागरिक संहिता: आवश्यकता एवं व्यवहार्यता

हाल ही में भारत के 22वें विधि आयोग द्वारा समान नागरिक संहिता (UCC) के संबंध में देश की आम जनता एवं मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों से सुझाव आमंत्रित किये गए।

  • अवगत करा दें कि पूर्ववर्ती 21वें विधि आयोग द्वारा इस विषय की समीक्षा की गई थी तथा अगस्त 2018 में जारी परामर्श पत्र में कहा गया था कि समान नागरिक संहिता, ‘फिलहाल न तो आवश्यक है और न ही वांछनीय है।’
  • यद्यपि वर्तमान सन्दर्भ में सरकार का यह कहना है कि 21वें विधि आयोग द्वारा इस संबंध में सिर्फ ‘परामर्श पत्र’ जारी किया था; कोई रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई थी। इसीलिये ....
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