सार्वजनिक उद्यम विभाग अब वित्त मंत्रालय के अधीन
केंद्र सरकार द्वारा अपने महत्वाकांक्षी विनिवेश कार्यक्रम को सुविधाजनक बनाने के लिए ‘सार्वजनिक उद्यम विभाग’ को वित्त मंत्रलय के तहत लाया गया है।
महत्वपूर्ण तथ्यः इससे पहले, सार्वजनिक उद्यम विभाग ‘भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्रलय’ का हिस्सा था।
- इसके अलावा, यह वित्त मंत्रलय के तहत छठा विभाग होगा। पांच अन्य विभाग हैं- आर्थिक मामलों के विभाग, व्यय विभाग, राजस्व विभाग, निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग और वित्तीय सेवा विभाग।
- सार्वजनिक उद्यम विभाग सभी केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (CPSE) के लिए नोडल विभाग है और CPSE से संबंधित नीति तैयार करता है।
1965 में, तीसरी लोकसभा (1962-67) की प्राक्कलन समिति की 52वीं रिपोर्ट की सिफारिश के बाद, वित्त मंत्रलय के तहत सार्वजनिक उद्यम ब्यूरो (BPE) का गठन किया गया था। 1985 में BPE को ‘उद्योग मंत्रालय’ के तहत स्थानांतरित कर दिया गया। 1990 में, सार्वजनिक उद्यम ब्यूरो को एक पूर्ण विभाग बनाया गया, जिसे सार्वजनिक उद्यम विभाग के रूप में जाना जाता है। |
आर्थिक परिदृश्य
- 1 बैंकिंग
- 2 अंतरराष्ट्रीय व्यापार वित्त सेवा प्लेटफ़ॉर्म
- 3 खादी ट्रेडमार्क पंजीकरण
- 4 भारत में वाणिज्यिक जहाजों की संचालन प्रोत्साहन योजना
- 5 भालिया किस्म का गेहूं
- 6 बागवानी फ़सलों के क्षेत्र व उत्पादन का वर्ष 2020-21 का दूसरा अग्रिम अनुमान
- 7 विंटेज मोटर वाहनों की पंजीकरण प्रक्रिया
- 8 राष्ट्रीय किसान कल्याण कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति
- 9 विशेष इस्पात के लिए उत्पादन-सम्बद्ध प्रोत्साहन योजना
- 10 ‘बोल्ड’ परियोजना
- 11 कच्छ के रण में सौर पार्क
- 12 देश का पहला ‘अनाज एटीएम’
- 13 दीर्घायु वित्त हब
- 14 डेयरी इन्वेस्टमेंट ऐक्सेलरेटर
- 15 वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट का 23वां अंक
- 16 थोक और खुदरा व्यापार एमएसएमई के दायरे में शामिल
- 17 विशेष पशुधन क्षेत्र पैकेज
- 18 ओपन नेटवर्क फ़ॉर डिजिटल कॉमर्स
- 19 राज्य विद्युत वितरण इकाइयों के लिए नौवीं एकीकृत रेटिंग और रैंकिंग
- 20 आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण वार्षिक रिपोर्ट 2019-20
- 21 भारत में नवीकरणीय का एकीकरण 2021 रिपोर्ट
- 22 डिजिटल एवं सतत व्यापार सुविधा पर संयुक्त राष्ट्र वैश्विक सर्वेक्षण 2021
- 23 फ्रेट स्मार्ट सिटीज
- 24 आरबीआई खुदरा प्रत्यक्ष योजना