थोक और खुदरा व्यापार एमएसएमई के दायरे में शामिल
केंद्र सरकार ने 2 जुलाई, 2021 को थोक और खुदरा व्यापारों को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों- एमएसएमई (MSMEs) के दायरे में शामिल करने के लिए नए दिशा-निर्देशों की घोषणा की।
महत्वपूर्ण तथ्यः इससे ऐसे कारोबारी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा वर्गीकृत प्राथमिकता क्षेत्र ऋण व्यवस्था के तहत ऋण के लिए पात्र हो जाएंगे।
- संशोधित दिशा-निर्देशों के तहत अब खुदरा और थोक कारोबारियों को ‘उद्यम पंजीकरण पोर्टल’ पर पंजीकरण की अनुमति होगी।
- इस कदम से कोविड-19 महामारी से पीडि़त 2.5 करोड़ कारोबारियों को लाभ होने की उम्मीद है।
- प्राथमिकता क्षेत्र ऋण व्यवस्था के लाभ के अलावा, इन कारोबारियों को एमएसएमई को उपलब्ध कोई अन्य लाभ नहीं मिलेगा।
चिंताः एक बार यदि खुदरा और थोक कारोबारी एमएसएमई के तहत प्राथमिकता वाले क्षेत्र की ऋण श्रेणी में शामिल हो जाते हैं, तो बैंक उन्हें छोटी विनिर्माण इकाइयों के स्थान पर ऋण देना पसंद कर सकते हैं, क्योंकि वे विनिर्माण से कम जोिखम वाले होते हैं।
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आर्थिक परिदृश्य
- 1 बैंकिंग
- 2 अंतरराष्ट्रीय व्यापार वित्त सेवा प्लेटफ़ॉर्म
- 3 खादी ट्रेडमार्क पंजीकरण
- 4 भारत में वाणिज्यिक जहाजों की संचालन प्रोत्साहन योजना
- 5 भालिया किस्म का गेहूं
- 6 बागवानी फ़सलों के क्षेत्र व उत्पादन का वर्ष 2020-21 का दूसरा अग्रिम अनुमान
- 7 विंटेज मोटर वाहनों की पंजीकरण प्रक्रिया
- 8 राष्ट्रीय किसान कल्याण कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति
- 9 विशेष इस्पात के लिए उत्पादन-सम्बद्ध प्रोत्साहन योजना
- 10 ‘बोल्ड’ परियोजना
- 11 कच्छ के रण में सौर पार्क
- 12 देश का पहला ‘अनाज एटीएम’
- 13 दीर्घायु वित्त हब
- 14 डेयरी इन्वेस्टमेंट ऐक्सेलरेटर
- 15 वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट का 23वां अंक
- 16 विशेष पशुधन क्षेत्र पैकेज
- 17 सार्वजनिक उद्यम विभाग अब वित्त मंत्रालय के अधीन
- 18 ओपन नेटवर्क फ़ॉर डिजिटल कॉमर्स
- 19 राज्य विद्युत वितरण इकाइयों के लिए नौवीं एकीकृत रेटिंग और रैंकिंग
- 20 आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण वार्षिक रिपोर्ट 2019-20
- 21 भारत में नवीकरणीय का एकीकरण 2021 रिपोर्ट
- 22 डिजिटल एवं सतत व्यापार सुविधा पर संयुक्त राष्ट्र वैश्विक सर्वेक्षण 2021
- 23 फ्रेट स्मार्ट सिटीज
- 24 आरबीआई खुदरा प्रत्यक्ष योजना