मुद्रा मूल्यह्रास

  • जब एक मुद्रा का मूल्य बाजार की शक्तियों के माध्यम (विदेशी मुद्रा की मांग और आपूर्ति) से अन्य मुद्राओं के मुकाबले कमजोर हो जाता है तो उसे मुद्रा मूल्यह्रास (currency depreciation) कहा जाता है।
  • यदि प्रशासनिक कार्रवाई के माध्यम से मुद्रा का मूल्य कमजोर किया जाता है, तो इसे अवमूल्यन (devaluation) कहा जाता है।
  • मूल्यह्रास और अवमूल्यन होने की प्रक्रिया अलग है, परन्तु इनका प्रभाव अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रें पर सामान होता है।
  • भारत 1993 तक विनिमय की प्रशासित या निश्चित दर (administered or fixed rate of exchange) का पालन करता था।
  • मुद्रा में उतार-चढ़ाव को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक
    • विदेशी ....
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