स्थानीय स्वशासन ग्रामीण विकास की बुनियाद
स्थानीय स्वशासन की संस्थाएं लोगों में राजनीतिक चेतना तथा समझ का विकास करने में सहायक हैं। इससे प्रशासनिक इकाई के सबसे निचले स्तर पर लोकतांत्रिक व्यवस्था के स्वरूप को मजबूती मिलती है। पंचायतों द्वारा ग्रामीण विकास के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाओं को चलाया जाता है। प्राथमिक शिक्षा के सार्वभौमिकरण (सर्व शिक्षा अभियान-एसएसए) के लक्ष्य की प्राप्ति में पंचायतों द्वारा बड़ी जिम्मेदारी निभाई गई है।
आधुनिक भारत में स्थानीय स्वशासन को प्रारंभ करने का मूल उद्देश्य गांवों का विकास करना तथा स्थानीय स्तर पर लोगों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में प्रत्यक्ष भागीदार बनाना है। भारत ने स्थानीय स्वशासन को सफलतापूर्वक लागू कर, ....
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मुख्य विशेष
- 1 लोक सेवा में मूल्यों का संकट
- 2 भारत में लोक सेवा मूल्यों की स्थिति
- 3 लोक सेवा में मूल्यों का विकास
- 4 लोक सेवा मूल्यों के समक्ष चुनौतियां
- 5 मूल्यों का संघर्ष
- 6 लोक सेवा के लिए महत्वपूर्ण मूल्य
- 7 लोक सेवा में मूल्य सुशासन का आधार
- 8 ग्रामीण विकास में पंचायतीराज संस्थानों की भूमिका को बढ़ाने वाली पहलें
- 9 स्थानीय स्वशासन से संबंधित मुद्दे
- 10 स्वास्थ्य प्रबंधन में भूमिकाः कोविड-19 प्रबंधन एवं टीकाकरण
- 11 ग्रामीण विकास में पंचायतीराज संस्थानों की भूमिका एवं महत्व
- 12 आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार
- 13 आवश्यक धार्मिक प्रथाएं और संबंधित मुद्दे
- 14 दलबदल कानून एवं आंतरिक दलीय लोकतंत्र
- 15 संसदीय समितियां
- 16 एक राष्ट्र, एक चुनाव
- 17 ई-गवर्नेंस में ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी
- 18 विधि का शासन एवं लोकतंत्र
- 19 सिविल सेवा में सुधार
- 20 डिजिटल संप्रभुताः महत्व और उठाए गए कदम
- 21 आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन
- 22 15वां वित्त आयोग : प्रमुख सिफारिशें तथा उत्पन्न मुद्दे
- 23 अंतरराज्यीय नदी जल विवादः उपबंध एवं सुझाव
- 24 चुनाव सुधार : आवश्यकता एवं प्रभाव
- 25 अन्तः दलीय लोकतंत्र : चुनौतियां एवं महत्व
- 26 मौलिक अधिकार एवं कर्तव्य : संबंधित मुद्दे एवं सामंजस्यता
- 27 राष्ट्रीय डेटा शासन नीतिः मुद्दे और लाभ
- 28 राज्यपाल और वास्तविक संघवाद की मांग
- 29 भारत में नदी जल विवादः समस्याएं और समाधान
- 30 कार्यकारी विधायी शक्ति और इसकी प्रासंगिकता
- 31 भारत में न्यायिक अवसंरचना
- 32 प्रत्यायोजित विधान: संवैधानिक वैधता एवं मुद्दे
- 33 लोक प्रशासन