लोक सेवा में मूल्य सुशासन का आधार
लोक सेवा मूल्य किसी सार्वजनिक संस्था तथा संगठन की कार्य संस्कृति के आवश्यक घटक होते हैं तथा लोक सेवकों के व्यवहार को निर्धारित करने, उनका मार्ग निर्देशन करने तथा संगठन के लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लोक सेवा में नागरिकों का विश्वास बनाए रखने के लिए मूल्य आधारित कार्य प्रणाली का होना अति आवश्यक है।
10 फरवरी, 2021 को संसद को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय सिविल सेवा के कार्य प्रकृति की आलोचना की। उन्होंने कहा कि भारत का विकास ‘बाबुओं’ (सिविल सेवकों के लिए प्रयुक्त शब्द) की कार्य संस्कृति का ‘बंधक’ बन गया ....
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मुख्य विशेष
- 1 लोक सेवा में मूल्यों का संकट
- 2 भारत में लोक सेवा मूल्यों की स्थिति
- 3 लोक सेवा में मूल्यों का विकास
- 4 लोक सेवा मूल्यों के समक्ष चुनौतियां
- 5 मूल्यों का संघर्ष
- 6 लोक सेवा के लिए महत्वपूर्ण मूल्य
- 7 ग्रामीण विकास में पंचायतीराज संस्थानों की भूमिका को बढ़ाने वाली पहलें
- 8 स्थानीय स्वशासन से संबंधित मुद्दे
- 9 स्वास्थ्य प्रबंधन में भूमिकाः कोविड-19 प्रबंधन एवं टीकाकरण
- 10 ग्रामीण विकास में पंचायतीराज संस्थानों की भूमिका एवं महत्व
- 11 स्थानीय स्वशासन ग्रामीण विकास की बुनियाद
- 12 आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार
- 13 आवश्यक धार्मिक प्रथाएं और संबंधित मुद्दे
- 14 दलबदल कानून एवं आंतरिक दलीय लोकतंत्र
- 15 संसदीय समितियां
- 16 एक राष्ट्र, एक चुनाव
- 17 ई-गवर्नेंस में ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी
- 18 विधि का शासन एवं लोकतंत्र
- 19 सिविल सेवा में सुधार
- 20 डिजिटल संप्रभुताः महत्व और उठाए गए कदम
- 21 आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन
- 22 15वां वित्त आयोग : प्रमुख सिफारिशें तथा उत्पन्न मुद्दे
- 23 अंतरराज्यीय नदी जल विवादः उपबंध एवं सुझाव
- 24 चुनाव सुधार : आवश्यकता एवं प्रभाव
- 25 अन्तः दलीय लोकतंत्र : चुनौतियां एवं महत्व
- 26 मौलिक अधिकार एवं कर्तव्य : संबंधित मुद्दे एवं सामंजस्यता
- 27 राष्ट्रीय डेटा शासन नीतिः मुद्दे और लाभ
- 28 राज्यपाल और वास्तविक संघवाद की मांग
- 29 भारत में नदी जल विवादः समस्याएं और समाधान
- 30 कार्यकारी विधायी शक्ति और इसकी प्रासंगिकता
- 31 भारत में न्यायिक अवसंरचना
- 32 प्रत्यायोजित विधान: संवैधानिक वैधता एवं मुद्दे
- 33 लोक प्रशासन