राज्यपाल और वास्तविक संघवाद की मांग

भारत की संघीय व्यवस्था में राज्यपाल की भूमिका चर्चा का विषय रही है। कुछ लोगों का तर्क है कि राज्यपाल का पद पूरी तरह औपचारिक होना चाहिए, जबकि अन्य का मानना है कि यह सुनिश्चित करने में उनकी अधिक सक्रिय भूमिका होनी चाहिए कि राज्य सरकार संविधान के अनुसार कार्य कर रही है।

  • हाल के वर्षों में ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं, जहां राज्यपालों पर राज्य सरकारों के मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया गया है। इससे राज्यपाल के पद में सुधार की मांग उठने लगी है, ताकि इसे अधिक स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जा सके तथा इसकी ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें

वार्षिक सदस्यता लें मात्र 600 में और पाएं...
पत्रिका की मासिक सामग्री, साथ ही पत्रिका में 2018 से अब तक प्रकाशित सामग्री।
प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा पर अध्ययन सामग्री, मॉक टेस्ट पेपर, हल प्रश्न-पत्र आदि।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित चुनिंदा पुस्तकों का ई-संस्करण।
पप्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के चुनिंदा विषयों पर वीडियो क्लासेज़।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित पुस्तकों पर अतिरिक्त छूट।

मुख्य विशेष