हरित हाइड्रोजन तथा विकार्बनीकरण

जून 2022 में नीति आयोग द्वारा ‘हार्नेसिंग ग्रीन हाइड्रोजन : अपरचुनिटीज फॉर डीप डीकार्बोनाइजेशन इन इंडिया’ नामक रिपोर्ट जारी की गई।

  • रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2050 तक भारत में हाइड्रोजन की मांग चार गुना से अधिक बढ़ सकती है जो वैश्विक मांग का लगभग 10 प्रतिशत है।
  • ग्रीन हाइड्रोजन वर्ष 2050 तक कुल 3.6 गीगाटन कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करने में मदद कर सकती है।
  • जल के विद्युत अपघटन (Electrolysis) के जरिये उत्पादित ग्रीन हाइड्रोजन उर्वरक, रिफाइनिंग, मेथनॉल, मैरीटाइम शिपिंग, लौह एवं इस्पात तथा परिवहन जैसे क्षेत्रों में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए महत्वपूर्ण होगी। ....
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