कैंसर थेरेपी का एक नया रूप : बेस एडिटिंग

दिसंबर 2022 में यूनाइटेड किंगडम केवैज्ञानिकों ने टी-सेल एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (T-ALL) सेपीड़ित मरीज़ में कैंसर थेरेपी के एकनए रूप 'बेस एडिटिंग' (Base Editing) का पहली बार सफल परीक्षण किया। टी-सेल एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया कोकैंसर का एक रूप माना जाता है।

  • टी-सेल एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (T-ALL) एक तीव्र और प्रगतिशील प्रकार का रक्त कैंसर है। इसके अंतर्गत टी-सेल, प्रतिरक्षा में मदद करने के स्थान पर स्वस्थ कोशिकाओं को नष्ट करना आरंभ कर देती हैं।
  • टी-कोशिकाएं सफेद रक्त कोशिकाओं का एक वर्ग हैं। ये कोशिकाएं मानव शरीर को प्रतिरक्षा प्रदान करने में मदद करती हैं, किंतु उपर्युक्त बीमारी की दशा में ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

प्रारंभिक विशेष