शिक्षा में अधिकार

भारत जैसे विषम आर्थिक विविधता वाले देश में समाज के सम्यक विकास के लिए यह आवश्यक है कि शिक्षा और संसाधन तक सभी की समान पहुंच हो। 1980 के मंडल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, देश की आबादी में अन्य पिछड़ा वर्ग की भागीदारी 52% है।

संविधान में पिछड़ा वर्ग शब्द का वर्णन नहीं है। यह केंद्र एवं राज्य सरकार पर निर्भर है कि वे इस समूह से संबंधित वर्ग को चिह्नित करें। हालांकि, यह माना जाता है कि सरकार की सेवाओं में पर्याप्त रूप से प्रतिनिधित्व नहीं करने वाले वर्गों को पिछड़ा वर्ग कहा जा सकता ....

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