पंचायती राज प्रशासन

संविधान ने पंचायतों को अलग-अलग स्तरों पर जिम्मेदारी और शक्तियां सौंपी है। सरकार की लोकहितकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों को जन-जन तक पहुंचाने में पंचायतों की भूमिका महत्वपूर्ण रही है।

  • पंचायतों में पोषण, आवास, स्वच्छता, पेयजल, स्वास्थ्य, आजीविका, शिक्षा, सड़क, बिजली, पेंशन, टिकाऊ जैसे बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति राज्य शासन द्वारा पंचायतों के माध्यम से किया जा रहा है जो कि विश्वस्तर पर सतत् विकास के लक्ष्यों में भी सम्मिलित हैं।
  • पंचायतों का प्रावधान (अनुसूचित क्षेत्र विस्तार) अधिनियम, 1996 को दस राज्यों- आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान एवं तेलंगाना में लागू किया गया है। ये राज्य ....
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